Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में सीएम बघेल ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का उद्घाटन कर दिया है. इसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हो सकते हैं. बघेल ने कहा अब इसका आयोजन हर साल किया जाएगा.
Chhattisgarhia Olympics: छत्तीसगढ़ में पहली बार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की राज्यस्तरीय स्पर्धा का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर दिया है. इस प्रतिस्पर्धा में राज्य भर के बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी शामिल हो सकते हैं. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में छत्तीसगढ़ी खेलों का प्रतिस्पर्धा किया जा रहा है. यह आयोजन राजधानी रायपुर के बलबीर सिंह जुनेजा स्टेडियम में किया जा रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एलान किया है कि हर साल छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया जाएगा.
सीएम बघेल ने पुरस्कार राशि देने की घोषणा
मुख्यमंत्री भुपेश बघेल राजधानी रायपुर के बलवीर सिंह जुनेजा स्टेडियम में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की राज्य स्तरीय स्पर्धाओं का उद्घाटन किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की क्लस्टर, ब्लॉक, जिला, संभाग और राज्य स्तर की स्पर्धाओं में प्रथम, द्वितीय और तीसरे स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को पुरुस्कार राशि प्रदान करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने टॉस कर छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की राज्य स्तरीय कबड्डी खेल की प्रतियोगिता की शुरुआत की.
जानिए सीएम बघेल ने क्या कहा
मुख्यमंत्री ने स्टेडियम में मौजूद संभाग स्तरीय विजेता खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़िया परंपरा में बसी हमारी खेल विधाओं को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरुआत की गई है. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर पूरे प्रदेश में लोगों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला.
बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों, महिलाओं और युवाओं में इन खेलों में पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया. गांव-गांव में खेलों के प्रति एक अच्छा वातावरण निर्मित हुआ. महिलाओं ने भी इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. शादी के बाद जो महिलाएं ससुराल चली गई थी उनकी भी इन खेलों में बड़ी संख्या में भागीदारी रही.
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक ने लिया हिस्सा
मुख्यमंत्री ने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले के मुलमुला गांव में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान गेड़ी लेकर आई एक 40 वर्षीय महिला ने बताया कि इस प्रतियोगिता की वह विजेता रही हैं. महिला ने बड़े उत्साह के साथ बताया कि ससुराल आने के बाद खेलने का मौका नहीं मिलता था. आपने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की इससे हम लोगों को खेलने का मौका मिला.इस प्रतियोगिता का आयोजन हर वर्ष होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत 06 अक्टूबर को हुई थी. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में राज्य स्तरीय स्पर्धा में सबसे छोटी 06 वर्ष की बालिका फुगड़ी में और 65 वर्षीय बुजुर्ग गेंड़ी दौड़ में खेल रहे हैं.
इतने लोगों की भागीदारी
खेल और युवा कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने बताया कि इस राज्य स्तरीय आयोजन में प्रदेश के सभी जिलों के लगभग 1900 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं. ये स्पर्धाएं 10 जनवरी 2023 तक चलेगी. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में ग्रामीण क्षेत्रों के 25 लाख से ज्यादा और नगरीय क्षेत्रों में एक लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों की भागीदारी रही.उन्होंने बताया कि बलबीर सिंह जुनेजा इनडोर स्टेडियम में फुगड़ी, बिल्लस, भंवरा, बाटी और कबड्डी, छत्रपति शिवाजी महाराज आउटडोर स्टेडियम में संखली, रस्साकशी, लंगडी, पिट्ठुल, गेंडी दौड़, माधव राव सप्रे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में खो-खो और गिल्ली डंडा और स्वामी विवेकानंद स्टेडियम कोटा में लंबी कूद और 100 मीटर दौड़ खेलों की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जा रही है.
14 पारंपरिक खेलों को किया गया शामिल
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देेने के उद्देश्य के छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन किया गया है. घरेलू महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी इस ओलंपिक में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में 14 खेलों को शामिल किया गया है. इसके तहत दलीय खेल में गिल्ली डंडा, पिट्टुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, बाटी (कंचा) और एकल खेल में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मी. दौड़ और लंबी कूद की प्रतिस्पर्धाएं शामिल हैं.