MP: मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने कांग्रेस की सरकार आने पर ओबीसी वर्ग की जनगणना कराने का वादा किया. वहीं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान क्षत्रियों से 16 वादे करते नजर आए.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की सियासत का रुख अब अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति की तरफ से हटकर अन्य पिछड़ा वर्ग व सामान्य वर्ग की तरफ मुड़ गया है. एक दिन पहले जहां पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी कमलनाथ ने सतना से ओबीसी वर्ग को साधने का प्रयास किया तो वहीं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान राजधानी भोपाल से क्षत्रियों को साधते नजर आए. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की सरकार आने पर ओबीसी वर्ग की जनगणना कराने का वादा किया. वहीं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान क्षत्रियों से 16 वादे करते नजर आए.
अब तक एसटी-एससी पर था फोकस
दरअसल, साल 2018 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की परेशानी का सबब बने आदिवासी समुदाय को साधने के लिए प्रदेश सरकार भरसक प्रयास करती नजर आ रही थी, तो वहीं कांग्रेस का रुख भी आदिवासी वर्ग की तरफ ही था. सीएम शिवराज सिंह चौहान आदिवासी वर्ग के दर्जनों कार्यक्रमों में शामिल हुए. उनकी वेशभूषा में उनके साथ नृत्य भी किया तो वहीं पेसा एक्ट कानून लागू कर आदिवासियों को लुभाने का भरसक प्रयास किया, वहीं इस कड़ी में कांग्रेस भी पीछे नहीं रही. हालांकि, अब प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस का रुख एसटी-एससी से हटकर ओबीसी व सर्वण समाज पर हो गया है.
कमलनाथ का ओबीसी वर्ग से वादा
गुरुवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमलनाथ ने ओबीसी दांव खेला है. कमलनाथ ने सतना में अन्य पिछड़ा वर्ग के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैं वचन देता हूं कि जब भी हमारी सरकार केंद्र में आएगी तब हम संविधान संशोधन करके हमारे पिछड़ा वर्ग की सही जनगणना करवाएंगे और पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ सुनिश्चित करवाएंगे. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि जब प्रदेश में हमारी सरकार थी तब मैंने ऐसा कौन सा पाप किया था कि मैंने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया परंतु भारतीय जनता पार्टी की नियत खराब थी भारतीय जनता पार्टी ने पिछड़ा वर्ग के साथ छल किया और मामले को कोर्ट में घसीट दिया. 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी. आज 18 साल हो गए हैं भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. जब मैं मुख्यमंत्री था तो हमने अपनी साफ नीयत और नीति का परिचय दिया था.
क्षत्रियों से सीएम शिवराज ने किए 16 वादे
वहीं राजधानी भोपाल स्थित सीएम हाउस में क्षत्रिय महापंचायत में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने क्षत्रिय समाज से 16 वादे किए हैं, जिनमें महाराणा प्रताप की जयंती पर प्रदेश में अवकाश रखा जाएगा. फिल्म पदमावत पर प्रतिबंध की मांग को लेकर हुए आंदोलन संबंधी प्रकरण वापस लिए जाएंगे. आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास बनाने के संबंध में समाज के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों से कम परीक्षा शुल्क लिया जाएगा. ऐतिहासिक तथ्यों और परिवारों की वंशावली आदि से छेड़छाड़ करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. पाठ्यक्रम समिति में प्रतिनिधि राजपूत समाज का होगा. इतिहास के पाठ्यक्रमों की गड़बड़ियों को ठीक किया जाएगा. सामान्य वर्ग के गरीब विद्यार्थियों को विशेष सहयोग की व्यवस्था की जाएगी. सवर्ण आयोग में एक राजपूत क्षत्रिय प्रतिनिधि आवश्यक रूप से सम्मिलित किया जाएगा. सीडीएस स्व. विपिन रावत की प्रतिमा लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा भूमि उपलब्ध कराई जाएगी.
इसके साथ ही स्थानीय निकाय की सहायता से प्रतिमा स्थापित की जाएगी. राजपूत क्षत्रिय समाज के युवाओं को जरूरत पड़ने पर आर्थिक सहयोग के लिए सहकारिता विभाग द्वारा केस क्रेडिट सोसाइटी बनाई जाएगी. राज्य शासन उसमें सहयोग करेगा आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए आरक्षण में आयु सीमा 8 लाख रुपये तक होगी. गौशालाओं को अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा और गाय के गोबर व गोमूत्र खरीदने-बेचने की पारदर्शी व्यवस्था उपलब्ध की जाएगी. महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित करने के लिए चर्चा कर कदम उठाए जाएंगे. भोपाल स्थित मनुआभान की टेकरी पर रानी पदमावती की मूर्ति स्थापित करने के लिए गुरुवार को ही भूमि पूजन किया. एमपीपीएससी की भर्ती में आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था होगी.
