वर्धा ब्यूरो- एक तरफ जहा वर्धा जिले में नवनियुक्त एसपी नूरूल हसन आईपीएस के खौफ से गुंडे बदमाशो में दहशत छाया है और अच्छे बड़े गैंगस्टर और अवैध धंधे वाले ठंडे बस्ते में दिखाई दे रहे है और आम जनता में शांति का माहौल है वही दूसरे तरफ पुलगांव के थाने मे आम kisan वर्ग पर अत्याचार किया जा रहा है.
गूंजखेड़ा तहसील देवली के रहने वाले देवेंद्र प्रमोद ठाकरे और अमोल ओंकार पंधरे को वर्धा एलसीबी ने रेती चोरी के झूठा मामले में बिना किसी जांच पड़ताल के गिरफ्तार किया गया, था।
३ नवंबर २०२२ को पुलगांव पुलिस थाने से दोनो की जमानत कराई गई और दोनो को रिहा किया गया। कुछ घंटों बाद जब दोनो अपनी जब्त की गई मोबाइल फोन और अन्य चीजे लेने वापिस पुलिस थाने गए वहा देवेंद्र प्रमोद ठाकरे और अमोल पधरे को करीब २ से ३ घंटे बिठा के रखा गया। फिर जब थानेदार शैलेश शेल्के आए तो दोनो को डीबी रूम में लें जाकर थानेदार शैलेश शेल्के और उनके सह पुलिस कर्मी खुशाल पंथ राठौड़, जयदीप जाधव, गहुकर और महादेव सानप ने अमानवीय व्यवहार कर बहुत बुरी तरीके से मार पीट किया और दोनो को नीचे लिटाकर छाती पर बैठ कर उनपर वार किया।
देवेंद्र प्रमोद ठाकरे और अमोल पंधरे दोनो ने इस मामले पर तक्रार निवेदन मे बताया की पुलिस वालो से बहुत बार जान की भीख मांगी पर पुलिस वालो ने कोई भी इंसानियत न दिखाते हुए दोनो को बहोत मारा।
कदोनो से १ लाख रुपए की मांग की गई और धमकाया गया की “*पुलगांव शहर में जब भी कोई जुर्म होगा तो तुम दोनो को सबसे पहिले उठा लिया जाएगा।”*
पुलिस वालो की मार पीट की वजह से दोनो को गहरी छोटे और हाथ पैर पर बहुत सूजन आया है। ुम्हे सरकारी अस्पताल मे रेफेर किया गया और
सरकारी अस्पताल में उपचार कराया गया तो डॉक्टर ने कहां के मार पीट के वजह से दोनो का कई दिनों तक चलना फिरना असंभव है, ठीक होने के लिए करीब ५ से ६ माह लगेगा। देवेंद्र प्रमोद ठाकरे और अमोल ओंकार पंधरे दोनो ने वर्धा जिले के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक नूरुल हसन आईपीएस से मादत की गुहार लगाई है। उन्होंने इस बारे मे निवेदन देवली के Dysp श्री ओतील साहब को लिखित मे दि है और वर्धा के स्पेशल श्री नूरुल हसन,मानवाधिकार
कार्यालय मुंबई, DIG नागपुर,गृह मंत्रालय मुंबई मे निवेदन प्रेषित किया है. उपरोक्त जानकारी उनके जरिये press विज्ञप्ति द्वारा जारी की गयी है


