रायपुर में भीषण गर्मी का समयचक्र:29 डिग्री तापमान से हो रही दिन की शुरुआत, दोपहर बाद 45, शाम को 42, आधी रात भी पारा 33 पार

छत्तीसगढ़ के रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग के जिलों में भीषण गर्मी का कहर जारी है। भीषणता का अनुमान ऐसे भी लगा सकते हैं कि दिन डूबने के आधा-घंटा बाद भी तापमान 42 डिग्री सेल्सियस रह रहा है। मंगलवार को मुंगेली में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। दोपहर बाद यह प्रदेश का सबसे गर्म स्थान रहा।

रायपुर में मंगलवार को सूर्योदय सुबह 5.21 बजे हुआ। इससे ठीक पहले यहां का न्यूनतम तापमान 29.3 डिग्री सेल्सियस मापा गया था। यह जून महीने के औसत न्यूनतम तापमान से एक डिग्री सेल्सियस अधिक था। सूरज के आसमान पर चढ़ आने के साथ तीखी धूप ने एकदम से हवा का तापमान बढ़ा दिया। दोपहर 12 बजे तक तापमान 10 डिग्री तक बढ़ चुका था। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। दोपहर बाद 2.30 से 3 बजे के बीच गर्मी अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गई। मौसम विभाग ने रायपुर का अधिकतम तापमान 45.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। मंगलवार को शाम 6.44 बजे सूर्यास्त हुआ। तब तक तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक था।

शाम को 7 बजे इसे 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। रात के 12 बजे का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस मापा गया। वहीं सुबह 5 बजे तक मौसम 30.5 डिग्री सेल्सियस तक ही ठंडा हो पाया। इस तरह सुबह 5 बजे के प्रस्थान बिंदु से दोपहर बाद 3 बजे तक के बीच मौसम 15 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो जा रहा है। दोपहर में तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़ गई तो करीब 5-6 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हवा भी मुसीबत बढ़ा गई। गर्म हवा के थपेड़ों ने खुले में चल रहे अथवा काम कर रहे लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं।

छत्तीसगढ़ में हर एक-दो साल में यही ट्रेंड

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक हर एक-दो साल के अंतराल में गर्मी और लू का यही ट्रेंड रहता है। 2021 में जून के शुरुआत से पहले ही प्री मानसून की बारिश हो रही थी। इसकी वजह से मानसून से पहले मौसम इतना गर्म नहीं हुआ। 2020 में भी जून का अधिकतम तापमान 39.1 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं गया। लेकिन 2019 में रायपुर ने भीषण गर्मी झेली। उस साल 6 जून को ही तापमान 45.6 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो गया था। 2018 और 2017 में भी जून का अधिकतम 41 और 43 डिग्री तक ही रहा। लेकिन 2016 में चार जून को 44.1 डिग्री तापमान पहुंच चुका था। पिछले साल तक जून में छत्तीसगढ़ का रिकॉर्ड अधिकतम तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इस साल चार जून को मुंगेली 47.6 डिग्री सेल्सियस तक गर्म हो गया।

मंगलवार को प्रदेश के शहरों में ऐसा रहा अधिकतम तापमान

मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को 47 डिग्री सेल्सियस के साथ मुंगेली सबसे गर्म स्थान रहा। उसके बाद 46.1 डिग्री सेल्सियस के साथ बलौदा बाजार दूसरे स्थान पर रहा। धमतरी में अधिकतम तापमान 45.7 डिग्री और रायपुर 45.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। राजनांदगाव में भी अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। यह शहर सामान्य से 6 डिग्री तक अधिक गर्म रहा। बिलासपुर में 44.4, पेण्ड्रा रोड में 42.9 और अंबिकापुर में 42 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। दुर्ग में अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री और जगदलपुर में 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

कल तक तीन संभागों में लू की चेतावनी भी जारी

मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों के लिए प्रदेश के तीन संभागों में लू की चेतावनी जारी की है। इसमें रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग शामिल हैं। इसके मुताबिक इन संभागों के एक-दो पैकेट में लू चलने की संभावना है। जिन जिलोंे में लू की संभावना जताई जा रही है, उनमें मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, कबीरधाम, बेमेतरा, बलौदा बाजार, महासमुंद, रायपुर, दुर्ग, धमतरी, बालोद और राजनांदगांव जिले शामिल हैं।

मौसम विभाग ने आज से तापमान गिरने की संभावना जताई है

मौसम विभाग के मुताबिक एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपर 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक द्रोणिका पूर्वी उत्तर प्रदेश से रायलसीमा तक, 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक दूसरी द्रोणिका पूर्वी उत्तर प्रदेश से उत्तर बांग्लादेश तक बिहार, पश्चिम बंगाल के उप हिमालय क्षेत्र, सिक्किम होते हुए 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके प्रभाव से 8 जून को छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात होने तथा अंधड़ चलने की संभावना है। प्रदेश के अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट होने की संभावना है।

भीषण गर्मी की वजह से सेहत पर भी संकट

शासकीय आयुर्वेद कॉलेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला का कहना है, गर्मियों में सूर्य की तपिश बढ़ गई है। ऐसे में लोगों में डिहाइड्रेशन, थकान, घबराहट और बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इस मौसम में लू लगने के साथ ही दूषित जल या भोजन से पेट से संबंधित अनेक रोग जैसे उल्टी, दस्त, डायरिया, पीलिया और टायफाइड होने की संभावना रहती है। सूर्य की तेज किरणों के कारण चेहरे और शरीर में सन-बर्न होने तथा त्वचा से संबंधित अन्य रोग होने का खतरा होता है।

लू से बचाव के लिए यह करना चाहिए

डॉ. संजय शुक्ला बताते हैं, चूंकि इस मौसम में लू लगने की ज्यादा संभावना रहती है, इसलिए यथासंभव ठंडी जगह पर रहना चाहिए। धूप में निकलने के पहले संतुलित और सुपाच्य भोजन तथा पर्याप्त पानी का सेवन जरूर करना चाहिए। गर्म लू से बचाव के लिए शरीर, सिर, कान आदि को सूती कपड़े से ढांक लें। वहीं सूर्योदय से पहले पैदल चलना, हल्का व्यायाम, योगाभ्यास और तैराकी इत्यादि करना चाहिए।

लू से बचाव में यह भी होंगे मददगार

डॉ. संजय शुक्ला ने बताया, शरीर में पानी एवं अन्य इलेक्ट्रोलाइट्स मिनरल्स की मात्रा संतुलित रखने के लिए आयुर्वेद में हल्का, सुपाच्य, मधुर रस वाले स्वच्छ ठंडा या उबाले हुए तरल पेय पदार्थों के सेवन करने का निर्देश है। गर्मियों में पीसा जीरा और नमक मिलाकर मठा यानि छाछ, दही की लस्सी, दूध, कच्चे आम का जलजीरा, नींबू की शिकंजी या शरबत, घर में बनी ठंडाई, गन्ने का रस, बेल का शरबत, नारियल पानी, मौसमी एवं ताजे फलों का रस इत्यादि पीना चाहिए। भोजन में पुराने जौ, पुराने चावल, खिचड़ी, मूंग की दाल, गेहूं की रोटी, सत्तू, रायता, सब्जियों में चौलाई, करेला, बथुआ, मुनगा, परवल, भिंडी, तरोई, पुदीना, टमाटर, खीरा, ककड़ी, अदरक, प्याज, आंवला का मुरब्बा इत्यादि को शामिल करना चाहिए। इसके अलावा तरबूज, खरबूज, मौसंबी, संतरा, अनार, शहतूत, आंवला इत्यादि का प्रयोग हितकारी है।

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Author: newtraffictail

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