Hydrogen Train: दुनिया के सबसे बड़े रेल निर्माता चीन ने बिना तेल और बिजली के चलने वाली ट्रेन बना दी है. यह ट्रेन हाइड्रोजन फ्यूल बैटरी से चलती है. इसका कार्बन उत्सर्जन जीरो है. खास बात यह है कि यह दुनिया की पहले सबसे फास्ट हाइड्रोजन ट्रेन है. इसकी रफ्तार 100 मील प्रति घंटा यानी 160 किमी प्रति घंटा है.इस ट्रेन को चीन की सरकारी कंपनी मोनोलिथ सीआरआरसी और चेंगदू रेल ट्रांजिट ने मिलकर विकसित किया है. यह चीन की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली पैसेंजर ट्रेन भी है. यह एक बार में 373 मील यानी 600 किमी तक चल सकती है. मजेदार बात यह है कि इसके चलने पर प्रदूषण की जगह पानी बाहर आता है. यह ट्रेन 5G टेक्नोलॉजी, ऑटोमेटिक वेक-अप, स्टार्ट और सेल्फ ड्राइविंग सिस्टम से लैस है.
जर्मनी की ट्रेन भी पीछे नहीं
जर्मनी इस तरह की हाइड्रोजन ट्रेन बनाने में आगे है. यहां पिछले साल से लगभग 14 हाइड्रोजन एल्सटॉम ट्रेनें पहले से ही चल रही हैं. चीन की हाइड्रोजन ट्रेन रफ्तार में जर्मन हाइड्रोजन ट्रेनों से आगे हैं. इनकी स्पीड सिर्फ 20 किमी प्रति घंटा है. हालांकि, रेंज के मामले में जर्मनी की ट्रेन बाजी मारती हैं. ट्रेन एक बार फ्यूल भरने पर 1,000 किमी तक चल सकती है.
चीन में सबसे ज्यादा हाइड्रोजन स्टेशन
दिलचस्प बात ये भी है कि जापान और कोरिया दुनिया के दो ऐसे देश हैं, जो परिवहन समाधान के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन पर जोर ज्यादा जोर दे रहे हैं. नए आंकड़े बताते हैं कि दुनिया के सबसे ज्यादा हाइड्रोजन फ्यूल स्टेशन चीन में हैं. दुनिया में केवल 1,000 से अधिक हाइड्रोजन स्टेशन हैं और उनमें से लगभग एक-तिहाई चीन में हैं.
भारत में कब से चलेंगी हाइड्रोजन ट्रेन
चीन में एशिया की पहली हाइड्रोजन ट्रेन शुरू होने के बाद भारत में ही ऐसी ट्रेन जल्द ही पटरी पर उतर सकती है. हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दोहराया कि भारतीय रेलवे दिसंबर 2023 तक स्वदेशी हाइड्रोजन ट्रेनों को चालू करेगा. इससे पहले भी कई बार मंत्री ने समयरेखा की पुष्टि की थी. पहली बार उन्होंने कहा कि हाइड्रोजन ट्रेन दिसंबर तक अपने नैरो गेज मार्गों पर चलेगी. इन ट्रेनों को चीन और जर्मनी की तर्ज पर बनाया जाएगा.