ईकोफ्रेंडली प्रोडक्ट के रूप में रोजगार:शहरी गौठानों की आय 40 करोड़ रुपए पार, ढाई हजार महिलाओं को रोजगार भी

गौठानों को आमतौर से गांवों से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन प्रदेश के शहरों में करीब ढाई साल पहले शुरू किए गौठानों ने कमाई और रोजगार के मामले में आश्चर्यजनक नतीजे दिए हैं। 290 गौठान बनाने में सरकार ने 13 करोड़ रुपए खर्च किए थे, लेकिन इनसे होने वाली कमाई 40 करोड़ रुपए के पार हो गई है। यही नहीं, गौठानों में महिला स्वसहायता समूहों को जोड़ने के कारण करीब ढाई हजार महिलाओं को गोबर तथा अन्य ईकोफ्रेंडली प्रोडक्ट के रूप में रोजगार मिला है।

शहरों को आवारा मवेशियों से निजात दिलाने के लिए नरवा गरवा घुरवा बाड़ी कांसेप्ट पर गौठान शुरू किए गए थे। अब 14 प्रमुख शहरों के इन गौठानों को मल्टीएक्टिविटी सेंटर बनाने का प्लान है। इनमें गोबर से बने उत्पादों के अलावा महिला समूहों की रोजगार से जुड़ी गतिविधियां भी बढ़ाई जाएंगी। नगरीय प्रशासन विभाग ने शहरी क्षेत्रों में 290 से अधिक गौठान बनाए हैं।

जिनपर 13 करोड़ रुपए खर्च तो हुए, लेकिन इस खर्च से आय तीन गुना हो चुकी है। इसससे आय दो गुना से अधिक हो चुकी है। गौठान में अभी 32 से अधिक किस्म के ईकोफ्रेंडली प्रोडेक्ट बनाए जा रहे हैं। गोबर से सुपर कंपोस्ट और वर्मी कंपोस्ट खाद तथा जैविक कीटनाशक बन रहे हैं। इसके अलावा गोबर से अगरबत्ती, दीये, रंग-गुलाल, मूर्तियां, आर्ट पीस, चप्पल, पेंट जैसे प्रोडक्ट भी पहले से बन रहे हैं। महिला समूहों के कामों को विस्तार देने के लिए गौठान में मशीनों के जरिए प्रोडेक्ट बनाने पर भी फोकस किया जा रहा है। जिसकी सी मार्ट से प्रदेश और प्रदेश के बाहर मार्केटिंग की नई प्लानिंग भी हो रही है।

खाद, गमले, गुलाल और पेंट
प्रदेश के शहरी गौठानों में कंपोस्ट खाद, गौमूत्र जैसे उत्पादों के साथ 32 किस्म के इकोफ्रेंडली प्रोडेक्ट जैसे अगरबत्ती, गोबर काठ, गमले, गुलाल, पेंट आदि भी बनाए जा रहे हैं। अब तक छत्तीसगढ़ के बड़े, छोटे शहरों और कस्बों में अब तक 290 से अधिक शहरी गौठान बनाए गए हैं। जिसमें फिलहाल की स्थिति में 325 से अधिक समूहों के 2 हजार से अधिक महिला परिवारों को रोजगार मिला है। शहरी गौठान के जरिए एक साल में 4.51 लाख क्विंटल कंपोस्ट बनाई गई है। जिसमें 3.21 लाख क्विंटल कंपोस्ट खाद की बिक्री से 27.4 करोड़ से अधिक की कमाई हुई। यही नहीं, इसके अलावा अन्य उत्पादों से होने वाली आय भी 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की है।

शहरी गौठानों से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। गौठान को मल्टीएक्टिविटी सेंटर के तौर पर डेवलप करने का प्लान है। -डॉ. शिव डहरिया, नगरीय प्रशासन मंत्री
शहरी गौठानों से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। गौठान को मल्टीएक्टिविटी सेंटर के तौर पर डेवलप करने का प्लान है। -डॉ. शिव डहरिया, नगरीय प्रशासन मंत्री

रायपुर में 3 गौठानों की आय 3 करोड़ पार
रायपुर में गोकुल नगर, जरवाय और फुंडहर तीन शहरी गौठान बनाए गए हैं। इनमें 250 से अधिक महिला परिवारों को रोजगार मिला है। पूरे प्रदेश में शहरी मॉडल गौठान सबसे पहले रायपुर को ही चुना गया था। गोबर की इको फ्रेंडली सामान, प्रतिमाएं, गमले जैसे उत्पाद बनाने की शुरुआत भी यहीं सबसे पहले हुए हैं। एक साल में रायपुर के तीन गौठानों ने गौठान में निर्मित इकोफ्रेंडली प्रोडक्ट्स को बेचकर 1.58 करोड़ से रुपए कमाए हैं। साथ ही सुपर कंपोस्ट खाद की बिक्री से 1.90 करोड़ और वर्मी कंपोस्ट से 1.07 करोड़ रुपए कमाए हैं। रायपुर के गौठानों में अब आधुनिक मशीनों को लगाकर नए प्रोडेक्ट बनाने के लिए कवायद भी हो रही है।

newtraffictail
Author: newtraffictail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

FOLLOW US

Live Cricket

POll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

TRENDING NEWS

Advertisement

GOLD & SILVER PRICE

Rashifal