गुजरात चुनाव का ऐलान:इलेक्शन कमीशन ने मोरबी पुल हादसे पर दुख जताया, तारीखों की घोषणा होने वाली है

गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा को लेकर निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मोरबी पुल हादसे पर दुख जताया है। माना जा रहा है कि मतदान दो फेज में होगा। पहला चरण नवंबर के आखिरी हफ्ते में और दूसरा चरण 1 से 5 दिसंबर के बीच हो सकता है। नतीजे 8 दिसंबर को हिमाचल चुनाव के साथ आएंगे। हिमाचल में एक फेज में, यानी 12 नंबवर को मतदान होगा।

गुजरात चुनाव से जुड़ी 4 सबसे जरूरी बातें…
1. CM पद के दावेदार कौन-कौन?
अभी BJP की ओर से भूपेन्द्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी.आर.पाटिल पहले ही संकेत दे चुके हैं कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा। BJP के अलावा कांग्रेस और AAP भी मैदान में हैं। हालांकि, दोनों पार्टियों ने अब तक CM कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। बात कांग्रेस की करें तो पार्टी में भरत सोलंकी, अर्जुन मोढवाडिया, शक्तिसिंह गोहिल CM पद के लिए रेस में सबसे आगे हैं। AAP में अभी तक गोपाल इटालिया ओर इशुदान गढवी CM के दावेदार हैं।                                                                                                                                                                            2. इस बार का चुनाव कितना अलग?
पिछली बार से इस बार का चुनाव बिलकुल अलग है। इसकी सबसे बड़ी वजह है- गुजरात में 2017 में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था, लेकिन AAP भी इस बार लड़ाई में शामिल है। वहीं पाटीदार आंदोलन की आग भी इस बार शांत है। आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे हार्दिक पटेल भी BJP में शामिल हो गए हैं।                                                                                                                                                                                                   3. 4 मुद्दे सबसे अहम, एंटी इनकंबेंसी का भी असर
गुजरात में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें मोरबी पुल हादसा, कर्मचारियों की समस्या, महंगाई और पोर्ट पर पकड़े जाने वाला ड्रग्स है। मोरबी पुल हादसे के बाद चुनाव इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द सिमट गई है। भाजपा पिछले 24 साल से सत्ता में है, ऐसे में पार्टी के खिलाफ एंटा इनकंबेंसी का भी असर है।                                                                                                                                                                                          4. 2 साइलेंट चेहरे जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं
गुजरात चुनाव में इस बार 2 ऐसे साइलेंट चेहरे चर्चा में हैं, जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं। इनमें एक नाम पाटीदार आगेवान नरेश पटेल का है, तो दूसरा कोली समाज के सोमाभाई गांडाभाई। नरेश पटेल ने अब तक राजनीति में सीधी एंट्री नहीं ली है, लेकिन गुजरात के 85 लाख लेउवा पटेल समाज के वे सर्वमान्य नेता माने जाते हैं।पटेल कांग्रेस में शामिल होने की कई बार कोशिश कर चुके हैं पर पार्टी हाईकमान से बात नहीं बन पाई थी। वहीं सोमाभाई गांडाभाई भी इस बार गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। पाटीदार के बाद कोली समाज की आबादी गुजरात में सबसे ज्यादा है।                      भाजपा ने 160 सीटें जीतने का टारगेट बनाया
भाजपा ने इस बार 182 सीटों में से 160 से ज्यादा सीटें जीतने का टारगेट बनाया है। गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को उम्मीदवारों के नामों को तय करने के लिए गांधीनगर पहुंच रहे हैं। भाजपा को अब तक 4,340 लोगों के नाम मिले हैं। सबसे ज्यादा 1,490 उत्तर गुजरात से हैं। सौराष्ट्र से1,163, मध्य गुजरात से 962 और दक्षिण गुजरात से सबसे कम बायोडाटा 725 मिले हैं।                                                                                                              चुनाव की तारीखों में देरी का आरोप
चुनाव आयोग ने राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में देरी की ठोस वजह अब तक नहीं बताई है। पहले हिमाचल चुनाव की तारीखों के साथ ऐलान होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछली बार (2017) बनासकांठा में बाढ़ देरी की वजह बनी थी। लेकिन, फिर भी चुनाव की तारीखों का ऐलान 25 अक्टूबर को कर दिया गया था। चुनाव दो फेज में हुए थे।खबरें और भी हैं…

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Author: newtraffictail

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