मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के विधानसभा क्षेत्र सीतापुर पहुंचे हैं। सीतापुर में उनका पहला पड़ाव ऐतिहासिक मंगरैलगढ़ रहा। मुख्यमंत्री ने मंगरैलगढ़ देवी मंदिर में पूजा-अर्चना कर दौरे की शुरुआत की। मंदिर परिसर में उन्होंने बेल का एक पौधा भी रोपा है। मान्यता है कि वनवास के लिए जाते हुए भगवान, माता सीता और लक्ष्मण मंगरैलगढ़ भी पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगरैलगढ़ में स्थित मातृछाया आवासीय संस्कृत विद्यालय भी पहुंचे। यहां उन्होंने अध्ययनरत बच्चों से मुलाकात की। बच्चों ने गुलमोहर फूल का गुलदस्ता देकर किया उनका स्वागत। स्कूल की बच्चियों ने स्वागत गीत गाए। बच्चों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने स्कूल का निरीक्षण कर जरूरी सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उनके साथ प्रभारी मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, क्षेत्रीय विधायक और खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू भी मौजूद रहे।
शिक्षा पर जोर देने की बात कही
इससे पहले अंबिकापुर में पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की तर्ज पर हर जिले में हिंदी माध्यम स्कूल भी बनाएंगे। हमारा शिक्षा पर ज्यादा जोर है। स्वामी आत्मानंद स्कूल की गुणवत्ता बनी रहे, इसका लाभ सभी को मिले, हम यही प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, प्रदेश में विकास कार्य लगातार हो रहे हैं। जनसुविधा को प्राथमिकता में रखकर सड़कों और पुल-पुलियां का निर्माण हो रहा है, नई स्वीकृति भी हुई है।
योजनाओं की निगरानी भी जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा, शासकीय योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना जरूरी है। इसके लिए योजनाओं का प्रचार करने की आवश्यकता है। योजनाओं का संचालन जमीनी स्तर पर सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। हमारी कोशिश है कि योजनाओं के बारे में सभी को जानकारी रहे। इसलिए इसकी निगरानी भी जरूरी है।