मंगलवार को रायपुर शहर में ईद पर एक अनोखा पल भी देखने को मिला। नमाज अता करने के बाद मस्जिद से बाहर आ रहे मुस्लिम भाइयों को हिंदुओं ने स्वागत करते हुए फल और ड्राई फ्रूट देकर ईद की मुबारकबाद दी। नमस्ते और अस-सलामु अलायकुम दोनों का संगम हुआ। नमाज के बाद मस्जिद के बाहर आए बड़े बुजुर्ग बच्चों सभी ने इस कदम को सराहा।
रायपुर शहर में पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया । प्रगतिशील यादव महासंघ की तरफ से मुहिम की शुरुआत की गई। संस्था से जुड़े सदस्यों ने फातेशाह मस्जिद के पास ईद की नमाज अता करने वालों से मुलाकात की।
प्रगतिशील यादव महासंघ के पदाधिकारी निरंजन यादव ने बताया कि देश के बहुत से राज्यों में हिंदू मुस्लिम हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखकर एकता का संदेश देने के मकसद से इस अभियान की शुरुआत की गई है। निरंजन यादव ने आगे कहा कि कोई भी देश बिना भाईचारे के आगे नहीं बढ़ सकता और छत्तीसगढ़ हमेशा से शांतिप्रिय प्रदेश रहा है हम चाहते हैं कि यहां शांति बनी रहे और सभी समुदाय के लोग मिलकर रहे हैं।
शहर की 51 मस्जिदों में मांगी गई दुआ
बैजनाथपारा स्थित मदरसा के संचालक शहर ए काजी मोहम्मद अली फारूकी ने बताया कि चूंकि 29वें रोजे को चांद दिखाई नहीं दिया था, इसलिए सोमवार को 30वां रोजा गुजरने के बाद मंगलवार को ईद मनाए जाने की विधिवत घोषणा की गई। मंगलवार को सुबह 6.30 बजे से नमाज पढ़ने का सिलसिला शुरू हो चुका था। रायपुर के 51 मस्जिदों में 15 से 30 मिनट के अंतराल में अलग-अलग समय पर नमाज पढ़ी गई।