आप यमुना मैया के श्राप के कारण हारी हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रविवार को अपना इस्तीफा सौंपने राज्य भवन गई निवर्तमान सीएम आतिशी से कथित तौर पर यह बात कही। सूत्रों ने यह भी बताया कि लोग ने आतिशी से कहा कि उन्होंने उनके बॉस अरविंद केजरीवाल को यमुना के श्राप के बारे में चेतावनी दी थी क्योंकि उन्होंने नदी की सफाई के लिए एक परियोजना को सुप्रीम कोर्ट से रुकवा दिया था। श्राप के बारे में चेतावनी की जड़े तो 2 साल पहले सक्सेना और केजरीवाल के बीच गतिरोध से जुड़ी है। यमुना में प्रदूषण के बड़े स्तर को देखते हुए जनवरी 2023 में एनजीटी ने नदी के कायाकल्प की निगरानी के लिए LG की अधीन एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया था। जैसे ही इस पैनल ने अपना काम शुरू किया केजरीवाल ने अपना समर्थन जाताया की मदद की पेशकश की। हालांकि बाद में दिल्ली सरकार ने एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दि, जिसमें वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु ने तर्क दिया कि एक डोमेन विशेषज्ञ को पैनल का नेतृत्व करना चाहिए यह रोक अब 2 साल से अधिक समय से लागू है।
ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद के सवाल के साथ बैठक के दौरान सक्सेना ने आम आदमी पार्टी सुप्रीमो से कहा था कि उन्हें यमुना के अभिशाप का सामना करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार के रूप में बदलाव का श्रेय नौकरशाही ने केजरीवाल के इस दर को दिया कि अगर इस प्रोजेक्ट को लोग के अधीन क्रियान्वहित किया गया तो इसका श्रेय आम आदमी पार्टी को नहीं मिलेगा। 2015 में केजरीवाल ने 5 साल के भीतर यमुना को साफ करने का वादा किया था लेकिन ठोस उपाय शुरू करने में सफल रहे। वादे को पूरा करने में उनकी नाकामी चुनाव अभियान में एक बड़ा मुद्दा बन गई। भाजपा ने इस पर उनका मजाक उड़ाया और मतदाताओं को याद दिलाया कि 2025 तक यह यमुना का पानी इतना साफ हो जाएगा कि वह खुशी-खुशी उसमे डुबकी लगाएंगे। यह बात बिहार झारखंड और यूपी के प्रवासियों के लिए थी जो छठ पर्व के दौरान लाखों की संख्या में यमुना तट पर जाते हैं।
