बिजली कंपनियों की नहीं चलेगी मनमानी:30 दिन के अंदर फोरम करेगा फैसला, 8 जिलों में होगी सुनवाई; प्रतिदिन मिल रही 30 से 35 शिकायतें

जीरो पॉवर कट और 56 लाख उपभोक्ताओं वाले छत्तीसगढ़ में बिजली नियामक आयोग अब लोगों की शिकायतें दूर करने के लिए उपभोक्ता फोरम की तरह 8 जिलों में बिजली फोरम शुरू करने की तैयारी में है। ये फोरम 8 जिलों में सभी कार्यालयीन दिवस पर आम लोगों की बिजली शिकायतों की सुनवाई करेंगे और अधिकतम 30 दिन में फैसला कर लेंगे।

बचे हुए 25 जिलों में फोरम महीने में एक बार बैठेगा और यही प्रक्रिया होगी। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। जिन मामलों की सुनवाई होगी, उनमें लो वोल्टेज, लाइन और मीटर फॉल्ट, कनेक्शन न देने, बिजली बिल अधिक जैसे प्रकरण शामिल हैं।

प्रतिदिन 30 से 35 शिकायतें

कंपनी के प्रत्येक शिकायत केंद्र में रोजाना 30 से 35 शिकायतें आ रही हैं। कंपनी अधिकारियों का दावा है कि शिकायतों दूर कर दी जाती हैं। मगर, ऐसा नहीं है। कंपनी निराकरण नहीं कर पा रही न ही उपभोक्ता फोरम सिस्टम से संतुष्ट हैं। यही वजह है कि विद्युत नियामक आयोग फोरम के पुनर्गठन का ड्राफ्ट लेकर आया है, जो उपभोक्ताओं को और अधिक अधिकार देगा।

30 दिन के अंदर फैसला

भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के 8 डिवीजन वाले जिलों में उपभोक्ता फोरम गठित होगा। इन 8 जिलों के अतिरिक्त फोरम माह में एक दिन 25 जिलों में जाकर सुनवाई करेगा और 30 दिन के अंदर फैसला देगा। अभी रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुुर में ही फोरम हैं। इन 3 जिलों की अन्य जिलों से दूरी अधिक होने के चलते शिकायतकर्ता फोरम तक पहुंच नहीं पाते।

उधर, मौजूदा व्यवस्था के तहत फोरम में 2 सदस्य हैं। अध्यक्ष डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से है, जबकि सदस्य का पद स्वतंत्र व्यक्ति के लिए होता है। आरोप लगते रहे हैं कि अध्यक्ष जो कि कंपनी का ही एक अधिकारी होता है, उसके फैसले निष्पक्ष नहीं होते।

इसलिए नए सिस्टम में अध्यक्ष का पद स्वतंत्र व्यक्ति के लिए आरक्षित कर दिया गया, जबकि सदस्य कंपनी का तकनीकी अधिकारी होगा। आयोग ने भरोसा जताया है कि नई व्यवस्था से शिकायतों का समय रहते निराकरण होगा, उपभोक्ता संतुष्ट होंगे। फोरम के फैसले के विरुद्ध विद्युत लोकपाल को शिकायत की जा सकती है।

बिजली फोरम के ड्राफ्ट में

  • जिन 8 जिलों में डिवीजन दफ्तर हैं, उन सभी में खुलेगा फोरम।
  • शेष 25 जिलों में महीने में एक बार शिकायतें सुनने जाएगी बेंच।
  • किसी भी शिकायत पर 30 दिन में आर्डर पास कर दिया जाएगा।
  • स्वतंत्र व्यक्ति होगा अध्यक्ष, बिजली अफसर सदस्य रह सकते हैं।

नजदीकी केंद्र में शिकायत के बाद भी जा सकते हैं फोरम में

केंद्र सरकार ने राइट टू कंज्यूमर एक्ट 2020 लागू किया था। इसके तहत बिजली फोरम बनना था, पर मामला लंबित था। अब, तीन साल बाद प्रदेश में ड्राफ्ट तैयार हुआ है। बिजली फोरम की खास बात ये है कि कोई भी उपभोक्ता अपनी बिजली संबंधी शिकायत लेकर 8 जिलों में कार्यालयीन दिवस में कभी भी और 25 जिलों में महीने में एक बार सीधे जा सकता है। वह चाहे तो वकील के जरिए अपनी फोरम के सामने रख सकता है। सामान्य प्रोसीजर यह भी है कि सबसे पहले नजदीकी बिजली शिकायत स्टेशन में कंप्लेंट दर्ज करवाई जाए। यहां सुनवाई न होने पर बिजली फोरम में सीधे शिकायत कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि फोरम का आदेश अंतिम होगा। अगर इससे संतुष्ट न हों तो विद्युत लोकपाल कार्यालय और यहां होने वाले आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में केस लगाया जा सकता है।

फोरम का नाम सीजीआरएफ

बिजली उपभोक्ताओं के लिए राइट टू कंज्यूमर एक्ट 2020 में उपभोक्ता परिवेदना निवारण विनियम (सीजीआरएफ) गठित करने की बात कही गई। यह सीजीआरएफ ही सरल भाषा में बिजली फोरम कहलाएगा। दरअसल केंद्र ने तीन साल पहले सभी राज्यों से कहा था कि बिजली शिकायतों की सुनवाई और फैसला का पूरा सिस्टम सरल किया जाए। इस आधार पर राज्य में यह ड्राफ्ट बना।

केस 1 – बिल के लिए 2014 से लड़ाई

सरायपाली में करीब 13 हजार किसान 2014 से सरकारी बिल में छूट नहीं मिलने के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इनमें से एक 72 साल के लोकनाथ ने भास्कर को बताया कि औसत बिल के नाम पर मनमानी वसूली है, इसलिए 8 साल से बिल ही नहीं दिया। आयोग तक जा चुके हैं।

केस 2 – दो साल से कनेक्शन नहीं

बलौदाबाजार में बया गांव के करीब 13 लोगों ने 2 साल पहले एक लाइनमेन को स्थाई बिजली कनेक्शन के लिए 13-13 हजार रुपए दिए। इनमें से एक नौहर ने बताया कि कनेक्शन के लिए दौड़धूप करके थक गए। रायपुर में शिकायत की तो खंभे लगने शुरू हुए। पर कनेक्शन नहीं मिला है।

इसलिए पड़ी जरूरत

विद्युत नियामक आयोग में साल 2021 में बिजली संबंधित के 75 मामले दर्ज किए गए, इनमें से 53 का निराकरण हुआ। 2021 के पहले के 109 प्रकरण में से 86 का निराकरण हुआ। 16 मामलों में आयोग ने संज्ञान लिया, तो 59 प्रकरण पक्षकारों की ओर से पेश हुए। अभी 45 प्रकरणों में सुनवाई चल ही रही है।

 

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Author: newtraffictail

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