CM भूपेश ने कार्तिक पूर्णिमा पर महादेव घाट पहुंचकर की पूजा,पुन्नी मेले की दी बधाई

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्तिक पुन्नी के मौके पर सुबह रायपुर के महादेव घाट पहुंचकर खारुन नदी में कार्तिक पूर्णिमा स्नान कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी पुन्नी मेला की बधाई दी।मुख्यमंत्री बघेल ने खारुन नदी में कार्तिक स्नान करने के बाद नदी तट पर स्थित ऐतिहासिक हटकेश्वर महादेव मंदिर में महादेव का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की और प्रदेश के विकास के लिए प्रार्थना की। मुख्यमंत्री बघेल ने परंपरागत गंगा आरती कार्यक्रम में शामिल हुए और दीपदान किया। इस दौरान सुबह से काफी लोग भी मौजूद रहे।

नदी तट पर उमड़ी लोगों की भीड़

नदी तट पर संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। पुन्नी मेला के मौके पर सीएम ने कहा कि यहां आसपास के सभी गांव के लोग आते हैं। पुन्नी मेला हमारी प्राचीन परंपरा है, हमारे छत्तीसगढ़ के गांव, शहरों की परंपरा का हिस्सा है।कार्तिक माह में सुबह का स्नान और शिवजी पर जल चढ़ाने की परंपरा रही है, आज से गांवों के घाटों में मेले का आयोजन शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज प्रकाश पर्व का शुभ दिन भी है, गुरुनानक जयंती है, जिनका छत्तीसगढ़ से पुराना नाता रहा है, उनके जुड़ाव के स्थल महासमुंद जिले के गढ़फुलझर को हमने पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साल खारुन नदी के घाट के विकास की घोषणा की थी, अब बजट में प्रावधान के साथ घाट के विकास का काम शुरू हो जाएगा। हमारे प्रदेश में किसान भाई धान कटाई की शुरुआत कर चुके हैं। एक नवंबर से धान की खरीदी भी शुरू हो चुकी है, किसान भाई समर्थन मूल्य में धान बेच रहे हैं और समय पर उन्हें भुगतान भी हो रहा है। दिवाली के पहले हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त भी दे दी है।

शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर होगा बेहतर काम

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को सहेजने के उद्देश्य से हाल ही में हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन भी राज्योत्सव के अवसर पर किया। हम शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साथ साथ अपनी संस्कृति के संरक्षण और उसके विकास के लिए भी लगातार काम कर रहे हैं। जिसमे प्रदेश की जनता की भागीदारी है।

गोधन न्याय योजना की राशि का करेंगे वितरण

मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में सुबह 11 बजे से 11.40 बजे तक आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गोधन न्याय योजना और गन्ना प्रोत्साहन योजना के तहत हितग्राहियों को राशि का अंतरण करेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसके बाद दोपहर 12.30 बजे राजधानी रायपुर के पंडरी स्थित खालसा स्कूल पहुंचेंगे और वहां आयोजित गुरू नानक जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे। वे इसके बाद दोपहर 1.15 बजे खालसा स्कूल पंडरी से स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर के लिए जाएंगे ।

600 साल पुराने मेले का दिलचस्प इतिहास

खारुन नदी पर इस मेले की शुरुआत 600 साल पहले हुई। हटकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पं.सुरेश गिरी गोस्वामी बताते हैं कि एक किंवदन्ती के अनुसार सन्‌ 1428 के आसपास पुन्नी मेला की शुरुआत हुई थी। राजा ब्रह्म देव की कोई संतान नहीं थीं, राजा ने खारुन नदी के किनारे स्थित हटकेश्वरनाथ महादेव से संतान प्राप्ति के लिए मन्नत मांगी। जब राजा को पुत्र की प्राप्ति हुई तो राजा ने आसपास के अनेक गांवों के लोगों को आमंत्रित कर भोज का आयोजन किया।

हजारों की संख्या में ग्रामीण खारुन नदी के किनारे जुटे, जिनके लिए राजा ने ठहरने, भोजन करने और उनके मनोरंजन के लिए झूले, खेल-तमाशों का आयोजन किया। उस दिन कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि होने और नदी में पुण्य स्नान करने की मान्यता के चलते हजारों ग्रामीणों ने डुबकी लगाई। इसके बाद हर साल मेला आयोजन करने की परंपरा चल पड़ी।ऐसी भी मान्यता है कि छत्तीसगढ़ से सैकड़ों किलोमीटर दूर राजस्थान स्थित पुष्कर तीर्थ में कार्तिक मेला लगता था। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और पूजा में शामिल होने के लिए देशभर से श्रद्धालु पहुंचते थे। वहां तक जाने के लिए छत्तीसगढ़ के लोगों को कई दिन लग जाते थे। इसे देखते हुए राजा ब्रह्म देव ने खारुन नदी के किनारे हटकेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने का निर्णय लिया।

 

newtraffictail
Author: newtraffictail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

FOLLOW US

Live Cricket

POll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

TRENDING NEWS

Advertisement

GOLD & SILVER PRICE

Rashifal