स्वास्थ्य को लेकर केंद्र सरकार अब और अधिक सख्त रवैया अपना रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नया कदम उठाते हुए मोटापे और अनहेल्दी खाने की आदतों से जुड़ी बीमारियों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए जंक फूड पर चेतावनी पोस्टर लगाने का आदेश जारी किया है। इसके तहत समोसा, जलेबी, वड़ा पाव जैसे तले हुए और मीठे खाद्य पदार्थों पर अब सिगरेट की तरह चेतावनी दिखाई देगी।
मंत्रालय ने देश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों, विशेष रूप से एम्स नागपुर को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे पोस्टर और सूचना बोर्ड सार्वजनिक स्थानों, स्ट्रीट फूड ठेलों, स्कूल-कॉलेज की कैंटीन, मॉल्स, रेलवे स्टेशन जैसी जगहों पर लगाएं, जिनमें इन खाद्य पदार्थों में मौजूद ‘छिपे हुए फैट’ और शक्कर की मात्रा स्पष्ट रूप से बताई जाए।
इन पोस्टरों में उपभोक्ताओं को यह जानकारी दी जाएगी कि—
यह खाद्य सामग्री शरीर में मोटापा बढ़ा सकती है।
अधिक सेवन से डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
इसमें मौजूद ट्रांस फैट और रिफाइंड शुगर स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक हो सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कदम देश में बढ़ते मोटापे, टाइप-2 डायबिटीज़ और कार्डियोवस्कुलर बीमारियों के मामलों को देखते हुए उठाया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, युवा वर्ग खास तौर पर जंक फूड का नियमित सेवन कर रहा है, जिसके गंभीर स्वास्थ्य परिणाम सामने आ रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि “यह पहल लोगों को उनके खाने के चुनाव को लेकर सजग बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम है। हम खाना बंद नहीं कर रहे, लेकिन लोगों को यह बताना जरूरी है कि उनके पसंदीदा खाने में कितना खतरा छिपा है।”
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के चेतावनी पोस्टर जागरूकता तो बढ़ाएंगे, लेकिन अगर स्वस्थ विकल्प उपलब्ध नहीं कराए गए, तो यह पहल अधूरी रह जाएगी। वहीं, दूसरी ओर कुछ लोग इसे खाने के अधिकारों में हस्तक्षेप के रूप में भी देख रहे हैं।
