बीजिंग: COVID-19 के कारण चीन (China) में जीवन पूरा अस्त-व्यस्त हो गया है. जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) में ढील देने के बाद से देश में कोरोना ने बुरी तरह से तबाही मचाई हुई है. चीन में मौतों की बढ़ती संख्या के बीच अब देश ने आइसब्यूरियल तकनीक (Iceburial Technology) पेश की है ताकि शवगृहों में भीड़ कम हो सके. इस तरीके का परीक्षण चीन के वुहान शहर में किया जा रहा है. यह जानकारी चीन में कोरोना से पैदा हुई वहां की स्थिति को रिपोर्ट करने वाली जेनिफर ज़ेंग द्वारा दी गई है.
“इस प्रकार का अंतिम संस्कार परीक्षण वुहान शहर में किया जा रहा है, जिसमें लाशों को तुरंत तरल नाइट्रोजन में माइनस 196 डिग्री पर जमाया जाता है, और फिर उसे पाउडर के रूप में बदल दिया जाता है.” लेकिन एक ट्विटर यूजर ने बताया कि इन उपायों का लेख मार्च 2022 में ही प्रकाशित हुआ था तो जेनिफर ने बताया कि यह वीडियो सितंबर 2022 में पोस्ट हुई होगी यानी जब कोरोना पहले दौर में था तभी से इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब किसी मृत शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए आइसब्यूरियल तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. 2016 में भी एक स्वीडिश और एक आयरिश कंपनी ने दफनाने के लिए ऐसे नए रूपों को विकसित किया था. मृत शरीर को खत्म करने के लिए इस प्रक्रिया में लिक्विड नाइट्रोजन की आवश्यकता पड़ती है.विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, चीन में कोविड संक्रमितों की संख्या पिछले सप्ताह की तुलना में 70 प्रतिशत बढ़कर 63,307 हो गई है. डब्ल्यूएचओ द्वारा गुरुवार को प्रकाशित एक साप्ताहिक रिपोर्ट के अनुसार, 15 जनवरी को चीन के अस्पतालों में अधिक मौतें दर्ज की गईं, जो कि महामारी शुरू होने के बाद सबसे अधिक हैं. बता दें कि दिसंबर की शुरुआत में, बीजिंग ने व्यापक विरोध के बाद कोविड टेस्टिंग, यात्रा प्रतिबंध और बड़े पैमाने पर लॉकडाउन को अचानक समाप्त कर दिया, तब से चीन में कोरोना ने आतंक मचा दिया है.