रूस ने बुधवार को अटलांटिक महासागर में एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस लड़ाकू जहाज ‘गोर्शकोव’ भेजा है। इसे अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए पुतिन के संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और लड़ाकू जहाज के कमांडर के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी है। पुतिन ने कहा, ‘जहाज में जिरकोन हाइपरसोनिक हथियार फिट किए गए हैं। मुझे उम्मीद है की ये ताकतवर हथियार बाहरी खतरों से रूस की रक्षा करेंगे।’
हिंद महासागर से भी गुजरेगा ‘गोर्शकोव’
रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने बताया कि ‘गोर्शकोव’ अटलांटिक महासागर के बाद हिंद महासागर और भूमध्य सागर से भी गुजरेगा।
जिरकोन मिसाइल की खासियत
- समुद्र और जमीन पर खतरनाक और सटीक हमला करने में माहिर है।
- हाइपरसोनिक मिसाइलें किसी भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकती हैं।
- ये स्पीड ऑफ साउंड से 9 गुना ज्यादा तेज हैं।
- 1000 किलोमीटर की दूरी आसानी से तय कर सकती हैं।
- अमेरिका के मुताबिक रूस की ये मिसाइलें इस तरह से डिजाइन की गई हैं कि इनमें परमाणु हथियार भी लगाए जा सकते हैं।
जिरकोन मिसाइलें बनाने के लिए कई देशों में रेस
रूस के अलावा चीन और अमेरिका भी इस तरह की हाइपरसोनिक मिसाइलें बनाने की दौड़ में हैं। इनके अलावा ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी, साउथ कोरिया, नॉर्थ कोरिया और जापान भी इन्हें बनाने के लिए अपना हाथ आजमा रहे हैं।रूस लगातार अमेरिका के मिसाइल सिस्टम को भेदने के लिए अपने हथियारों को एडवांस कर रहा है। पुतिन का कहना है कि अमेरिका उनकी न्यूक्लियर मिसाइलों पर हमला कर सकता है। जिसके लिए रूस को सचेत रहना होगा।