महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ आज महा विकास अघाड़ी (MVA) की ओर से ‘हल्ला बोल’ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें कई छोटी-छोटी पार्टियां शामिल हैं।यह प्रदर्शन सरकार और राज्यपाल कोश्यारी के खिलाफ छत्रपति शिवाजी पर उनकी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर किया जा रहा है। प्रोटेस्ट में शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और NCP नेता अजीत पवार हुए।
वहीं दूसरी ओर, इसके जवाब में भाजपा भी प्रदर्शन करने जा रही है। भाजपा का कहना है कि MVA ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया है। इसीलिए उन्हें माफी मांगना चाहिए।
नाना पटोले बोले- प्रदर्शन के ऐलान से भाजपा डर गई
MVA ने कहा कि हमारे प्रदर्शन के ऐलान से भाजपा सरकार डर गई है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि MVA के विरोध मार्च से भाजपा डर गई। उनका यह प्रदर्शन लोगों का भाजपा सरकार के प्रति अपने विरोध को सामने लाएगा। इसमें महाराष्ट्र के साथ किए गए अन्याय और कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में मराठी भाषियों के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा भी उठाया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा का विरोध मार्च हास्यास्पद है। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस, जो MVA में हैं।
भाजपा नेता आशीष शेलार ने भी जवाब में माफी मांगो आंदोलन का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के लोग लगातार हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कर रहे हैं। संजय राउत ने अंबेडकर की जन्मभूमि पर विवाद पैदा करने की कोशिश की है। सुषमा अंधारे ने भगवान राम, भगवान कृष्ण, संत ज्ञानेश्वर और संत एकनाथ के साथ-साथ वारकरी समुदाय का अपमान किया है।
शेलार ने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि अपने बयानों पर शिवसेना के नेता माफी मांगें।
2500 पुलिसकर्मी तैनात
इस प्रदर्शन के लिए करीब 2500 पुलिस कर्मियों की तैनाती हुई है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी तरह की कोई घटना न हो, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। आयोजकों को प्रोटेस्ट की जानकारी इस शर्त पर दी गई है कि ट्रैफिक डिपार्टमेंट से भी परमिशन लेनी होगी।
कोश्यारी ने शिवाजी को बताया था पुराने जमाने का आइकन
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद में एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शिवाजी को पुराने दिनों का आइकॉन कहा था। कोश्यारी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी और NCP प्रमुख शरद पवार भी मौजूद थे।उन्होंने भरी सभा में बाबासाहेब आंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नए जामने का आइकन बताया था। इस बयान के बाद विपक्ष के नेता उन पर हमलावर हो गए और उनका इस्तीफा मांगने लगे। भाजपा के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार बना चुके शिंदे गुट ने भी कोश्यारी के बयान का विरोध किया था।