ईरान में चुन-चुन कर विद्रोहियों को ढूंढ रही पुलिस:तेहरान मेट्रो स्टेशन पर फायरिंग की, हिजाब नहीं पहनी महिलाओं को पीटा

ईरान में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में सुरक्षा बल तेहरान के मैट्रो स्टेशन पर मौजूद लोगों पर गोलियां चलाते हुए नजर आ रहे हैं। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, स्टेशन पर मौजूद लोगों में ऐसी महिलाएं भी शामिल हैं जिन्होंने हिजाब नहीं पहना हुआ है।

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मैट्रो स्टेशन पर मौजूद भीड़ पर अचानक फायरिंग शुरू होती है। जिसके बाद वहां भगदड़ का माहौल बन जाता है। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लग जाते हैं। वहीं, एक दूसरी वेरिफाइड वीडियो में दावा किया गया है कि बिना यूनिफॉर्म के यानी सादा कपड़ों में मौजूद पुलिस ने हिजाब नहीं पहनी महिलाओं के साथ मार-पीट शुरू कर दी। उन पर गोलियां भी चलाई गईं।

2 महीने से जारी हिजाब विरोधी प्रदर्शन
ईरान में 22 साल की युवती महसा अमिनी की मौत के बाद से प्रदर्शन हो रहे हैं। महसा को पुलिस ने 13 सितंबर को हिजाब नहीं पहनने पर गिरफ्तार किया था। 16 सितंबर को पुलिस कस्टडी में उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद लोग सड़कों पर उतर आए और हिजाब के मेंडेटरी होने का विरोध करने लगे। एक्टिविस्ट्स का कहना है कि विरोध प्रदर्शन में अब तक 344 लोगों की मौत हो गई है। इसमें कई यंगस्टर्स भी शामिल हैं। करीब 15,820 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

हिजाब की वजह से क्यों मारी जाएं महिलाएं
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं की मांग है कि हिजाब को अनिवार्य की जगह वैकल्पिक किया जाए। उनका कहना है कि हिजाब की वजह से वे क्यों मारी जाएं।

अब तख्तापलट की आशंका बढ़ी
तख्तापलट की अशंका तेज हो गई है। ऐसे में ईरानी सेना रेवल्युशनरी गार्ड्स के टॉप कमांडरों ने अपने परिवारों को कैंट के इलाकों से सेफ हाउस में भेज दिया है। तेहरान में एक ऑयल कंपनी के गेस्ट हाउस में इन परिवारों को चौबीसों घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। सूत्रों के अनुसार इन परिवारों को भरोसा दिया गया है कि प्रदर्शन जारी रहते हैं अथवा तख्तापलट होता है तो इन्हें सुरक्षित रूप से पड़ोसी देश जॉर्जिया भेज दिया जाएगा।

हिजाब पहनने की अनिवार्यता 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद लागू हुई
ईरान में वैसे तो हिजाब को 1979 में मेंडेटरी किया गया था, लेकिन 15 अगस्त को प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी ने एक ऑर्डर पर साइन किए और इसे ड्रेस कोड के तौर पर सख्ती से लागू करने को कहा गया। 1979 से पहले शाह पहलवी के शासन में महिलाओं के कपड़ों के मामले में ईरान काफी आजाद ख्याल था।

  • 8 जनवरी 1936 को रजा शाह ने कश्फ-ए-हिजाब लागू किया। यानी अगर कोई महिला हिजाब पहनेगी तो पुलिस उसे उतार देगी।
  • 1941 में शाह रजा के बेटे मोहम्मद रजा ने शासन संभाला और कश्फ-ए-हिजाब पर रोक लगा दी। उन्होंने महिलाओं को अपनी पसंद की ड्रेस पहनने की अनुमति दी।
  • 1963 में मोहम्मद रजा शाह ने महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया और संसद के लिए महिलाएं भी चुनी जानें लगीं।
  • 1967 में ईरान के पर्सनल लॉ में भी सुधार किया गया जिसमें महिलाओं को बराबरी के हक मिले।
  • लड़कियों की शादी की उम्र 13 से बढ़ाकर 18 साल कर दी गई। साथ ही अबॉर्शन को कानूनी अधिकार बनाया गया।
  • पढ़ाई में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया। 1970 के दशक तक ईरान की यूनिवर्सिटी में लड़कियों की हिस्सेदारी 30% थी।

1979 में शाह रजा पहलवी को देश छोड़कर जाना पड़ा और ईरान इस्लामिक रिपब्लिक हो गया। शियाओं के धार्मिक नेता आयोतोल्लाह रुहोल्लाह खोमेनी को ईरान का सुप्रीम लीडर बना दिया गया। यहीं से ईरान दुनिया में शिया इस्लाम का गढ़ बन गया। खोमेनी ने महिलाओं के अधिकार काफी कम कर दिए।

ईरान में 16 सितंबर को शुरू हुआ हिजाब विरोधी प्रदर्शन अब भी जारी है। इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पहली बार विरोध प्रदर्शन में शामिल एक शख्स को फांसी की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा 5 लोगों को 10 साल की सजा सुनाई गई है।

हिजाब के विरोध पर नाक काटी, 17 साल की निका का शव कटी हुई नाक और सिर पर 29 घाव के साथ मिला

विरोध प्रदर्शन की अगुआई कर रहीं 17 साल की निका शकरामी की भी हत्या कर दी गई। पुलिस ने उनके परिवार को बुलाकर शव सौंपा। निका की नाक काट दी गई थी और सिर पर 29 घाव थे। दूसरी तरफ, सरकार ने एक बार फिर प्रदर्शनकारियों की धमकी दी है कि अगर उन्होंने विरोध नहीं छोड़ा तो इसके नतीजे भुगतने होंगे।

हिजाब के खिलाफ सड़कों पर उतरीं ईरानी महिलाएं, इस्लामिक कानून के विरोध में सार्वजनिक तौर पर परदा हटाया

ईरान उन देशों में एक है जहां इस्लामिक हिजाब पहनना महिलाओं के लिए अनिवार्य है। ईरानी महिलाओं ने देशभर में एंटी हिजाब कैम्पेन चलाया और बिना हिजाब की वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। ऐसा करके महिलाओं ने इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के सख्त हिजाब नियमों को तोड़ा। इसके लिए सोशल मीडिया पर No2Hijab हैशटैग भी चलाया गया।​​​​​​

newtraffictail
Author: newtraffictail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

FOLLOW US

Live Cricket

POll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

TRENDING NEWS

Advertisement

GOLD & SILVER PRICE

Rashifal