रायपुर के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर में भगवान का जन्मोत्सव जुदा अंदाज में मनाया गया। पूरे मंदिर को फूलों से सजाया गया था। दिनभर शहर भर से लोग यहां आकर प्रभु श्री राम के दर्शन करने पहुंचते रहे। दिन जैसे-जैसे आगे बढ़ा भगवान राम की भक्ति का रंग और गहराता चला गया।
दोपहर करीब 12 बजे भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया गया। यहां भगवान की आरती की गई। दिन भर मंदिर में भगवान के भजन गाए गए। भगवान राम ने नवमी के ही के दिन अवतार लिया था। ये चैत्र नवरात्र का आखिरी दिन होता है। नवरात्र शक्ति की उपासना के नौ दिन और नौवें दिन ही राम का जन्म जो मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। रायपुर में कई जगहों पर राम नवमी पर विशेष कार्यक्रम हुए मगर बड़ी भीड़ VIP रोड स्थित राम मंदिर में दिन भर जुटी रही।
नासिक ढोल टीम ने किया परफॉर्म
शाम के वक्त राम मंदिर कैंपस में नासिक से आई ढोल टीम ने प्रस्तुति दी। ढोल की बिट्स पर लोग भी थिरकते दिखे। जय श्री जयश्री राम के नारे लगते रहे। इस टीम एक युवती ने तो ढोल पर चढ़कर भगवा ध्वज फहराया। पिछले कुछ सालों में देश में नासिक ढोल का क्रेज बढ़ा है। महाराष्ट्र के शहर नासिक में बड़े-बड़े ढोल और ताशे बजाए जाते हैं। ये वाद्य यंत्र मराठा सम्राटों के वक्त इस्तेमाल किए जाते थे। मगर पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया पर वायरल होते इनके वीडियोज की वजह से इनका क्रेज बढ़ा है। भगवा पगड़ियों में लड़के-लड़कियां परफॉर्म करते हैं
105 फीट ऊंचा मंदिर, 5 साल लगे थे तैयार
छत्तीसगढ़ की राजधानी में वीआईपी रोड पर राम मंदिर का निर्माण किया गया। 105 फीट ऊंचे राम मंदिर को बनाने के लिए राजस्थान और ओडिशा के कारीगरों को बुलाया गया था। इसे तैयार करने में 5 साल लगे थे। रायपुर का राम मंदिर पिछले 4 सालों से लोगों के लिए खोल दिया गया। यहां राम लला की मूर्ति सिर्फ एक पत्थर को तराशकर बनाई गई है। इस साइज के पत्थर को ढूंढने में डेढ़ साल लगे थे।
इस मंदिर को तैयार करने में अनुमानित लागत 15 करोड़ मानी जाती है। अंदर और बाहर की दीवारों पर पत्थरों पर बारीक कारीगरी कर भगवान विष्णु के कई अवतार उकेरे गए हैं। राजवाड़ा आर्ट पैटर्न की कारीगरी मंदिर में देखी जा सकती है। मंदिर में फूल, कुछ रॉयल डिजाइन के साथ हिंदू देवी-देवताओं को उकेरा गया है। जिस हॉल में भगवान की मूर्ति है वहां 12 फीट का विशाल झूमर लगाया गया है। इसकी कीमत 7 लाख से ज्यादा है।