जब भी किसी लंबी दूरी की यात्रा करनी हो, तो सबसे पहले ख्याल रेल का ही आता है। रेल से यात्रा करना आरामदायक और सुविधाजनक होता है। ज्यादातर लोग लंबी यात्रा रेल से ही करना पसंद करते हैं। रेल रोजाना ही लाखों यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाती है। अक्सर लोग ट्रेन में आरामदायक यात्रा करने के लिए पहले से ही एडवांस में रिजर्वेशन करवा लेते हैं, ताकि वह अपनी यात्रा बिना किसी परेशानी के आराम से कर पाएं।
अगर सोचिए आपने एडवांस में ही रिजर्वेशन करवा लिया है। जब आप यात्रा करने के लिए रेल में पहुंचे और आपको बर्थ ना मिले तो ऐसी स्थिति में क्या होगा? जाहिर सी बात है कि रिजर्वेशन कराने के बावजूद भी अगर आपको बर्थ नहीं मिलती है, तो आपको बहुत परेशानी होगी। हो सकता है कि इसकी वजह से आपको अपनी पूरी यात्रा खड़े-खड़े भी करनी पड़ जाए। कुछ ऐसा ही बिहार के बुजुर्ग यात्री इंद्र नाथ झा के साथ हुआ था।
दरअसल, यह मामला आज का नहीं है बल्कि करीब 14 साल पुराना है। इस मामले में बिहार के बुजुर्ग यात्री इंद्र नाथ झा ने रिजर्वेशन पहले ही करवा लिया था परंतु इसके बावजूद भी उन्हें ट्रेन में बर्थ नहीं दी गई थी, जिसके चलते उन्हें बहुत परेशानी झेलनी पड़ी थी। उनको बिहार के दरभंगा से दिल्ली की यात्रा खड़े-खड़े ही करनी पड़ गई थी। लेकिन अब उपभोक्ता आयोग ने रेलवे को हर्जाने के रूप में एक लाख रुपए बुजुर्ग यात्री को देने का आदेश दिया है।
रेलवे को देना होगा एक लाख रुपए का हर्जाना
आपको बता दें कि बुजुर्ग यात्री इंद्र नाथ झा ने फरवरी 2008 में दरभंगा से दिल्ली की यात्रा के लिए टिकट बुक करवाई थी लेकिन रिजर्वेशन कराने के बावजूद भी उन्हें बर्थ नहीं दी गई, जिसके चलते बुजुर्ग यात्री को बहुत परेशानी हुई। उन्होंने इस बारे में शिकायत की।
दिल्ली के साउथ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रेड्रेसल कमीशन ने इंद्र नाथ झा की शिकायत पर ईस्ट सेंट्रल रेलवे के जनरल मैनेजर को यह हर्जाना देने का आदेश दिया है।