भिलाई:दुर्ग जिले में स्थित एक निजी गर्ल्स हॉस्टल में संचालक ने खुफिया सीसीटीवी लगाकर रखा था। जैसे ही वहां रह रही लड़कियों को इसके बारे में पता चला तो बवाल खड़ा हो गया। संचालक भिलाई स्टील प्लांट का एक कर्मचारी है। उसने मामले को दबाने की पूरी कोशिश की, लेकिन लड़कियां नहीं मानी और सीधे पुलिस स्टेशन पहुंची। पुलिस ने हॉस्टल संचालक फगन लाल पवार के खिलाफ धारा 354, 66ई के तहत मामला दर्ज किया है।
नेवई पुलिस ने बताया कि सेक्टर 5 निवासी फगन लाल पवार भिलाई इस्पात संयंत्र का कर्मचारी है। उसका आशीष नगर में भी एक मकान है, जिसमें वह गर्ल्स हॉस्टल संचालित करता है। गर्ल्स हॉस्टल के कमरों में उसने खुफिया कैमरे लगा रखे थे। इससे वह अपने ऑफिस में बैठकर या मोबाइल पर कभी भी कमरे में रह रही लड़कियों की एक्टिविटी को देखा करता था। उसके हॉस्टल में एक महीने पहले कॉलेज में पढ़ने वाली 5 छात्राएं रहने आई थीं।
सोमवार को उन लड़कियों को शक हुआ कि उनके कमरे में खुफिया कैमरे लगे हैं। जब उन्होंने ध्यान से कमरे के हर एक कोने को देखा तो सच्चाई सामने आ गई। लड़कियों ने संचालक को खूब खरी खोटी सुनाई और उससे कैमरे का DVR (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) मांगा। जब उसने DVR नहीं दिया तो लड़कियों ने इसकी शिकायत बुधवार को नेवई थाने में दर्ज कराई।
इस तरह कैमरे को लेकर हुआ शक
तीन दिन पहले फगन लाल पवार हॉस्टल पहुंचा और बीएससी स्टूडेंट से बोला कि आपके कमरे की बालकनी की लाइट क्यों जलती रहती है। इस पर लड़की को शक हुआ कि कमरे के पीछे की बालकनी की लाइट के बारे में उसे कैसे पता चला। इसके बाद उसने दूसरे कमरे में रह रही अपनी दो और दोस्तों को यह बात बताई। कैमरा लगा होने के शक से उन्होंने पूरे कमरे चेक किया तो फॉल सीलिंग की एक लाइट की जगह उन्हें कैमरा लगा मिला।
5 में तीन कमरों में लगा था सीसीटीवी कैमरा
गर्ल्स हॉस्टल में दो नीचे और तीन ऊपर सहित कुल पांच कमरे हैं। इसमें ऊपर के तीन कमरों में कैमरा लगा हुआ पाया गया है। तीन में से एक कमरा खाली था और दो में लड़कियां रह रहीं थी। वर्तमान में हॉस्टल में कुल 5 लड़कियां रह रही हैं। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरा मैकनिक को बुलवाकर सभी कैमरे निकलवाए और DVR सहित उसे जब्त किया।
आरोपी से की जा रही पूछताछ
पुलिस ने बीएसपी कर्मी फगन लाल को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है कि उन्हें DVR तो मिला है, लेकिन पुराने फुटेज कहां है। हॉस्टल तीन सालों से संचालित है तो कैमरे कब से लगाए गए। DVR में पुलिस को 11 दिन का स्टोरेज मिला है, जिसकी जांच की जा रही है। उसके पहले का स्टोरेज कहां है उसको लेकर भी आरोपी से पूछताछ की जा रही है।