दैनिक अख़बार की तरह ही साप्ताहिक अखबारों को विज्ञापन वितरित करे-वॉइस ऑफ़ मीडिया का धरणा आंदोलन

सरकारलाड़ली बहन योजना” की तरह ही “लाडला पत्रकार योजना” शुरू करे- वरुण पांडे                       वर्धा : जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आज वॉइस ऑफ़ मीडिया द्वारा पत्रकारों के विभिन्न मैंगो की पूर्ति के लिए धरना आंदोलन किया गया.पिछले लोकसभा चुनाव में देखा गया कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार छोटे दैनिक समाचार पत्रों और साप्ताहिकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।  इस संबंध में सरकार के बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद कोई ठोस रुख नहीं अपनाने के कारण ‘वॉइस  ऑफ मीडिया’ यह कदम उठा रहा है।


         ‘वॉइस ऑफ मीडिया’ की मांगें इस प्रकार हैं.
  1) सूची में सभी छोटे दैनिक समाचार पत्र, सभी साप्ताहिक, वेब समाचार पोर्टल, यूट्यूब चैनल भी विधानसभा चुनाव, त्योहारों के दौरान विज्ञापन दिए जाने चाहिए।  विज्ञापन सभी को समान रूप से वितरित किया जाना चाहिए।  2) सरकार द्वारा दिये जाने वाले विज्ञापन साप्ताहिक के साथ-साथ दैनिक समाचार पत्रों को भी दिये जाने चाहिए।  3)RNI मे नए नियमों के तहत लगाई गई दमनकारी शर्तें खत्म की जाएं।  रेल यात्रा के लिए समर्थन धारकों को रियायतें फिर से शुरू की जानी चाहिए।  4) 25 वर्ष पूर्ण कर चुके साप्ताहिक समाचार पत्रों को द्विवार्षिक निरीक्षण से बाहर रखा जाये।  साथ ही 25 वर्ष पूरे कर चुके साप्ताहिक समाचार पत्रों को एक विशेष वर्षगांठ विज्ञापन दिया जाना चाहिए।  5) टीवी में काम करने वाले स्टिंजर के पारिश्रमिक के संबंध में कोई ठोस निर्णय लिया जाना चाहिए।  चार साल पहले एक खबर के लिए एक हजार रुपये मिलते थे, अब दो सौ रुपये मिलते हैं।  6) आज टीवी में काम करने वाला हर पत्रकार टीवी की टीआरपी प्रतिस्पर्धा से परेशान है।  इसकी वजह है टीआरपी.  टीआरपी की जानलेवा होड़ बंद होनी चाहिए और टीवी में काम करने वाले पत्रकार को बचाया जाना चाहिए।  7) अखबारों में मिलने वाले छोटे से पारिश्रमिक से पत्रकारों का घर नहीं चल सकता, इसलिए इस पारिश्रमिक के संबंध में ठोस निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए।  उस समिति के सुझाव के अनुसार पत्रकारों का पारिश्रमिक तय किया जाना चाहिए।  मौजूदा आयोग के नियमों का कोई पालन नहीं कर रहा है.

8)पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के संदर्भ में समिति एवं संदर्भ में मान्यता समिति को पुराने जीआर को निरस्त कर नया जीआर बनाना चाहिए।  राज्य में अच्छा काम कर रहे पत्रकारों के संगठनों को ‘उस’ समिति में काम करने का मौका दिया जाना चाहिए.  9) सभी समाचार पत्रों की विज्ञापन दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाये।  रंगीन विज्ञापनों का प्रीमियम भी बढ़ाया जाना चाहिए।  10) सरकार को सरकारी और निजी रेडियो दोनों में काम करने वाले कर्मचारियों के पारिश्रमिक के संबंध में नियम बनाने चाहिए।  11) डिजिटल मीडिया ने समय के साथ अपनी प्रगति की है।  जो समाचार पोर्टल, समाचार यूट्यूब चैनल जनोन्मुख हैं, अधिक लोगों तक पहुंच रहे हैं, उन्हें सरकारी सूची में शामिल किया जाना चाहिए और उन्हें सरकारी विज्ञापन दिए जाने चाहिए।  12) सेवानिवृत्ति योजना की बढ़ी हुई राशि का भुगतान अगले माह से किया जाए |
इस समय वॉइस ऑफ मीडिया वर्धा जिला साप्ताहिक विंग के जिला अध्यक्ष वरुण पांडे, जिला अध्यक्ष किशोर कारंजेकर, नरेंद्र देशमुख, रविंद्र कोटंबकर, अनूप कुमार भार्गव, एकनाथ चौधरी,विश्वभूषण तिवारी, विल्सन मोखाड़े, नरेंद्र पाटिल, अरविन्द गजभिये,आशीष इझनकर, टावर मडावी,नीरज शुक्ला,अविनाश नागदेवे,विशाल इच्पाड़े,ऋषि इंगोले, इत्यादि बहुसंख्या मे संपादक व पत्रकार गण उपस्थित थे.

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