उड़ान के दौरान अचानक लापता हुए नेपाल की तारा एयरलाइंस के एयरक्राफ्ट का मलबा आखिर मिल गया है। नेपाली आर्मी की सर्च एंड रेस्क्यू टीम के मुताबिक यह प्लेन क्रैश हो गया था। इस प्लेन में ठाणे का त्रिपाठी परिवार भी यात्रा कर रहा था।
विमान में जो चार भारतीय सवार थे, वे सभी इस त्रिपाठी परिवार के थे। इसमें पति-पत्नी और दो बच्चे शामिल थे। पति अशोक त्रिपाठी (54) अपनी पत्नी वैभवी बांदेकर-त्रिपाठी (51) से अलग रहते थे। दोनों का तलाक होने वाला था। अदालत ने पूरे परिवार को साल में 10 दिन साथ बिताने की इजाजत दी थी।
दोनों बच्चे- बेटा धनुष त्रिपाठी (22) और बेटी ऋतिका त्रिपाठी (18)- इन दस दिनों का पूरे साल इंतजार करते। चारों लोग इस बार नेपाल गए, जहां कल उनका विमान हादसे का शिकार हो गया। यह परिवार नेपाल के पोखरा में स्थित एक मंदिर में दर्शन के लिए जा रहा था।
घर पर मौजूद बुजुर्ग मां का रो-रो कर बुरा हाल
प्लेन के क्रेश होने की जानकारी मिलने के बाद एक पड़ोसी ने कहा- ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और हम सब शॉक में हैं। त्रिपाठी परिवार के अलवा घर पर वैभवी की बुजुर्ग मां भी रहती थीं। बच्चों के गायब होने के बाद अब मां का रो-रो कर बुरा हाल है।
कुछ दिनों पहले उनका एक ऑपरेशन हुआ था और अभी वे घर में अकेली हैं। पड़ोसी उनकी सेवा में लगे हुए हैं। उनके रिश्तेदारों को नेपाल में मौजूद भारतीय दूतावास से संपर्क करने को कहा गया है। जानकारी के मुताबिक, अशोक के साथ इस यात्रा पर उनका चचेरा भाई भी जाने वाला था।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर थीं वैभवी
वैभवी मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में स्थित एक प्राइवेट कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करती थीं। अशोक की ओड़िशा में एक HR कंसल्टेंसी फर्म है। ठाणे वाले फ्लैट में वैभवी अपनी मां और बेटे-बेटी के साथ रहती थीं। बेटा धनुष इंजीनियरिंग ग्रेजुएट और बेटी रितिका स्कूल में है।
अशोक के पिता थे डिस्ट्रिक्ट जज
अशोक 5 भाई-बहनों में चौथे नंबर पर हैं। उनका ज्यादातर परिवार पुणे में रहता है। दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरा परिवार देर रात ठाणे पहुंच गया है। अशोक के पिता डिस्ट्रिक्ट जज रह चुके हैं। 11 साल पहले उनका निधन हो चुका है। साल 2020 में उनकी मां का निधन हुआ।
ठाणे के कपूरबावड़ी में रह रहा था यह परिवार
यह परिवार ठाणे के कपूरबावड़ी इलाके में मजीवाड़ा हाईराइज सोसाइटी में रहता है। ठाणे पुलिसकर्मियों ने उनके परिवार के सदस्यों को नेपाल स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने को कहा है। उधर, नेपाल में भारतीय दूतावास ने अपना आपात हॉटलाइन नंबर +977-9851107021 भी मुहैया कराया है।
मुंबई पुलिस ने खोजा ठाणे के इस परिवार का पता
कापूरबावडी पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, ‘घटना के बाद नेपाल में भारतीय दूतावास ने विमान में सवार परिवार के चार सदस्यों के बारे में और सूचना पाने के लिए मुंबई पुलिस से संपर्क किया। वैभवी बंदेकर (त्रिपाठी) के पासपोर्ट पर लिखा पता मुंबई के बोरिवली उपनगर में चिकुवाड़ी इलाके का था।’
उन्होंने कहा, ‘जब मुंबई पुलिस का एक दल बोरिवली में उनके फ्लैट पर पहुंचा तो उसे वहां ताला लगा मिला। ऐसा मालूम चला है कि उन्होंने इस फ्लैट को किसी को किराए पर दे दिया था, जो अभी देश से बाहर है। बाद में उनके पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि त्रिपाठी परिवार ठाणे शहर में रहने लगा है, जिसके बाद पुलिस ने वहां रह रहे उनके रिश्तेदारों से संपर्क किया।’
अपने चचरे भाई के साथ जाने वाले थे अशोक
अशोक के चचेरे भाई कानन त्रिपाठी ने बताया, ‘अशोक ने मेरे साथ नेपाल यात्रा की योजना बनाई, जब वह सोनपुर आए थे। इस नेपाल यात्रा के बारे में बहुत खुश थे। हालांकि, मुझे कुछ कम आ गया और मैंने यह यात्रा कैंसिल कर दी।’
अशोक 26 मई को मुंबई आए थे और यह परिवार यहां से नेपाल के लिए निकला था। अशोक के केयरटेकर बताया, ‘जिस दिन सर (अशोक) मुंबई के लिए रवाना हुए, उन्होंने हमें यह नहीं बताया कि वह कब लौटेंगे। उन्होंने मुझे सिर्फ घर की देखभाल करने के लिए कहा।’
43 साल पुराना है एयरक्राफ्ट
नेपाली आर्मी की सर्च एंड रेस्क्यू टीम ने हादसे वाली जगह का पता लगाते हुए क्रैश हो चुके प्लेन की तस्वीर भी शेयर की है। प्लेन का मलबा मुस्तांग के सैनोसवेयर इलाके में मिला है। एयरक्राफ्ट ने पोखरा से जोमसोम के लिए सुबह 9:55 बजे उड़ान भरी थी। 10:20 बजे लैंड करना था, लेकिन लैंडिंग के पहले ही एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से इसका संपर्क टूट गया। इसमें 3 क्रू मेंबर्स समेत कुल 22 लोग थे। इनमें से 4 भारतीय थे। एयरक्राफ्ट 43 साल पुराना बताया जा रहा है।