भारतीय वायुसेना के ऐतिहासिक लड़ाकू विमान MiG-21 को आज औपचारिक रूप से सेवा से विदाई दी गई। वर्ष 1963 में वायुसेना में शामिल किए गए इस विमान ने 63 वर्षों तक देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाई।
MiG-21 को “फ्रंटलाइन फाइटर” के रूप में जाना जाता था और इसने 1971 के भारत-पाक युद्ध, करगिल युद्ध समेत कई अहम अभियानों में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
आज आयोजित समारोह में वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व वायुसेना प्रमुख शामिल हुए। विदाई के दौरान MiG-21 ने अंतिम बार आसमान में उड़ान भरी और सलामी दी।
भारतीय वायुसेना ने कहा कि MiG-21 का योगदान इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगा और यह हमेशा वीरता और शक्ति का प्रतीक माना जाएगा।






