कामरा की ‘गद्दार’ वाली टिप्पणी पर पहली बार बोल एकनाथ शिंदे, किया ‘सुपारी’ का जिक्र

कॉमेडियन कुणाल कामरा की तरफ से किए गए जोक पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि बोलने की आजादी है लेकिन हर चीज की एक सीमा होनी चाहिए। मुंबई में आयोजित एक शो के दौरान कामरा ने बगैर नाम लिए शिवसेना प्रमुख पर ‘गद्दार’ और ‘थाने का रिक्शा’ जैसे तंज कसे थे। खबर है कि कामरा को मुंबई पुलिस ने तलब किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शिंदे ने कहा बोलने की आजादी है यहां हम व्यंग भी समझते हैं, लेकिन एक सीमा भी होनी चाहिए। वहीं शिवसेना के कई नेता पहले ही कामरा के जोक पर आपत्ति जाता चुके हैं और धमकी दे चुके हैं। उन्होंने कहा यह ऐसा लग रहा है कि किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी ली गई है। उन्होंने आगे कहा, “दूसरे व्यक्ति को एक स्तर बनाए रखना चाहिए नहीं तो एक्शन का रिएक्शन होता है।” डिप्टी सीएम ने कहा, यह वही व्यक्ति है, जिसने भारत की सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री और कुछ उद्योगपतियों पर टिप्पणी की है। यह बोलने की स्वतंत्रता नहीं है, वह किसी और के लिए काम कर रहे हैं।
कामरा ने कहा कि वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री शिंदे के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए माफी नहीं मांगेंगे। इसके साथ ही उन्होंने मुंबई में उसे स्थान पर तोड़फोड़ किए जाने की आलोचना की जहां कॉमेडी शो रिकॉर्ड किया गया था। कामरा ने सोमवार देर रात सोशल मीडिया मंच एक पर साझा किए गए बयान में कहा कि, जो लोग सोशल मीडिया पर उनका नंबर लीक करने में व्यस्त है, या उन्हें लगातार फोन कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि सभी अज्ञात फोन कॉल उनके वॉइस मेल पर जा रही है और उन्हें वही गाना सुनाई देगा, जिससे वह नफरत करते हैं कैमरा ने लिखा मैं माफी नहीं मांगूंगा। मैं इस भीड़ से नहीं डरता और मैं अपने बिस्तर के नीचे छुपाकर इसके शांत होने का इंतजार नहीं करूंगा। उन्होंने कहा, ‘मैंने जो कहा वह, बिल्कुल वैसा ही है जैसा कि अजित पवार ने देखना शिंदे के बारे में कहा था।’
कॉमेडियन ने,”उन्हें सबक सिखाने की धमकी देने वाले नेताओं” की निंदा करते हुए भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा किसी शक्तिशाली सार्वजनिक व्यक्ति पर किया गया मजाक सहने में आपकी असमर्थता मेरे अधिकार की प्रकृति को नहीं बदलती। जहां तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और हमारी राजनीतिक व्यवस्था के सर्कस का मजाक उड़ाना कानून के विरुद्ध नहीं है। हालांकि मैं अपने खिलाफ किसी भी वैध कार्यवाही के लिए पुलिस और अदालतों के साथ सहयोग करने को तैयार हूं।
कामरा ने कहा, ‘लेकिन क्या कानून उन लोगों के खिलाफ भी निष्पक्ष और समान रूप से लागू किया जाएगा जिन्होंने यह तय किया है कि मजाक से आहत होने पर तोड़फोड़ करना उचित प्रतिक्रिया है?’

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