नई दिल्ली (Viral News, Education News). बच्चों के पास स्कूल न जाने के कई बहाने होते हैं. उसमें भी बात सरकारी स्कूल की हो तो वहां की बदहाल स्थिति अक्सर सुर्खियों में छाई रहती है. लेकिन कहा जाता है न कि पढ़ाई का जज्बा हो तो आप कहीं भी, किसी भी हाल में पढ़ाई कर सकते हैं. महाराष्ट्र के एक स्कूल को देखकर भी यही समझ में आ रहा है (Maharashtra News).
महाराष्ट्र के वाशिम जिले के गणेशपुर गांव का एक स्कूल चर्चा में है. इस स्कूल का नाम है जिला परिषद प्राथमिक मराठी शाला. इस स्कूल में सिर्फ एक ही स्टूडेंट का दाखिला हुआ है. बीते दो सालों से यह स्कूल सिर्फ इसी एक बच्चे के लिए खुलता है और कमाल की बात है कि इसमें शिक्षक भी एक ही है (Weird School). यह खबर हर स्टूडेंट और टीचर के लिए काफी प्रेरक साबित हो सकती है.
12 किमी दूर से आते हैं सर जी
जिला परिषद् प्राथमिक मराठी शाला में तीसरी कक्षा में कार्तिक शिगाओकर (Kartik Shigaokar) नाम का स्टूडेंट पढ़ता है. पिछले दो सालों से इस स्कूल में सिर्फ यही एक स्टूडेंट है. इसको पढ़ाने के लिए किशोर मानकर (Kishore Mankar) नामक शिक्षक रोजाना 12 किमी की दूरी तय करके स्कूल आते हैं. किशोर सर कार्तिक को हर विषय पढ़ाते हैं (Positive News).
प्रार्थना और राष्ट्रगान से होती है शुरुआत
इस स्कूल में भले ही सिर्फ एक शिक्षक और एक ही स्टूडेंट है लेकिन पढ़ाई-लिखाई और अन्य एक्टिविटीज़ में कोई लापरवाही नहीं बरती जाती है. किशोर और कार्तिक रोजाना सुबह प्रार्थना करते हैं, राष्ट्रगान गाते हैं और फिर पढ़ाई शुरू करते हैं. कार्तिक के लिए रोजाना मिड डे मील (Mid Day Meal Maharashtra) की व्यवस्था भी की जाती है.
150 की आबादी में सिर्फ एक छात्र क्यों?
गणेशपुर गांव की कुल आबादी 150 लोगों की है. यहां स्थित जिला स्कूल में कक्षा 1 से चौथी तक की क्लासेस संचालित की जाती हैं (Zilla Parishad Primary School). गांव में इस आयु वर्ग में कार्तिक ही इकलौता स्टूडेंट है. स्कूल प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि स्कूल का संचालन जारी रहेगा, चाहे इसमें एक ही स्टूडेंट पढ़ाई करता रहे.