Kawardha Chhattisgarh News: शंकराचार्य ने कहा कि एक नियोजित तरीके से छोटे बच्चों के मन में साधुओं के प्रति विरोध भरा जा रहा है. ठग साधु स्वामी वेश में ही नहीं कई रूप में आते हैं.
Chhattisgarh News: ज्योतिष्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Saraswati) इन दिनों छत्तीसगढ़ के कवर्धा (Kawardha) जिले के दो दिवसीय प्रवास पर पहुंचे हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड (Chhattisgarh Education Board) की पांचवी कक्षा की किताब का एक पन्ना भरी सभा में फाड़ दिया. उन्होंने लोगों से अपील की कि इस पन्ने में जो लिखा है उसका विरोध करें, इसकी शिकायत करें. आखिर उन्होंने छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड किताब के पन्ने क्यों फड़े? आइए जानते हैं.
फाड़े पुस्तक के पन्ने
दरअसल छत्तीसगढ़ शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी कक्षा 5वीं की पुस्तक में चमत्कार नाम से लिखे पाठ में ठगी को लेकर जो बातें लिखी गई हैं उन बातों को लेकर अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है. कक्षा 5वीं के पाठ 25 में ठगी को लेकर जो लेख लिखा गया है उसका विरोध व्यक्त करते हुए ज्योतिष्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पुस्तक के पन्नों को भरी सभा में फाड़ते हुए इसका विरोध करने कि बात कही, साथ ही उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ने की बात कही.
क्या कहा शंकराचार्य ने
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कवर्धा जिले के ग्राम जुनवानी में आयोजित यज्ञ कार्यक्रम के सभा को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान शंकराचार्य ने कहा कि एक नियोजित तरीके से छोटे बच्चों के मन में साधुओं के प्रति विरोध भरा जा रहा है. उन्होंने कहा कि ठग साधु स्वामी वेश में ही नहीं कई रूप में आते हैं. क्यों उसका उल्लेख नहीं किया गया, ये गलत है. शंकराचार्य द्वारा पुस्तक में लिखे पाठ को हटाने की मांग के साथ ही कार्रवाई करने की भी मांग की गयी.
बो रहे जहर-शंकराचार्य
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, किताब में जो लिखा गया है, उसमें यह भी बताया जाए कि किसी भी कपड़े में ठगी हो सकती है, फकीर के वेश में भी बहुत ठग हैं, आतंकवादी घूम रहे हैं, उसके बारे में क्यों नहीं है, मुसलमान ही क्यों आतंकवादी निकलता है, क्योंकि मुसलमान का वेश तो रहता ही है ना उसका, वह क्यों नहीं बता रहे हो इसमें, उससे ज्यादा संभलने की जरूरत है. हर एयरपोर्ट में एक-एक इंच हमारी जांच की जा रही है. उसके बारे में आप बच्चों को सजेस्ट नहीं कर रहे हो, उसके मन में जहर बो रहे हैं. हमारी मांग है कि सबसे पहले इस पाठ को इस पाठ्य पुस्तक से अलग किया जाना चाहिए. जाकिर अली इसके लेखक हैं और जो इस पाठ को इस पाठ्य पुस्तक में शामिल कराने वाले हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.