मुंबई: दाऊद की बहन हसीना पारकर से जमीन खरीदने के आरोप में नवाब मलिक को 23 फ़रवरी को अरेस्ट किया गया था।
अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तार और प्रवर्तन निदेशालय की कस्टडी में चल रहे नवाब मलिक ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाकर ED द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द करने की मांग की। मलिक ने अपनी याचिका में कहा है कि उनकी गिरफ्तारी अवैध है और उन्होंने तुरंत रिहा करने की मांग की है।
मलिक के बाद अब उनके परिवार पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। आज उनके बेटे फराज मलिक को पूछताछ के लिए ED ऑफिस में तलब किया गया है। उन्होंने पेश होने के लिए एजेंसी के जांच अधिकारियों से समय मांगा था। ईडी के अधिकारियों ने कहा है कि सोमवार को उन्हें समन जारी किया गया था, जिसमें उन्हें दक्षिण मुंबई स्थित ईडी के कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था।
मलिक के सामने बेटे को बैठा हो सकती है पूछताछ
आज फराज और नवाब मलिक को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सकती है। दरअसल जिस प्रॉपर्टी से जुड़ा मनी लॉन्ड्रिंग का केस है वो नवाब मलिक के बेटे फराज मलिक के नाम है। मलिक के कारोबार को उनके बेटे और बेटियां मिल कर चला रहे हैं। इसलिए माना जा रहा है कि आने वाले समय में केंद्रीय जांच एजेंसीज इन पर भी शिकंजा कस सकती है। इससे पहले फराज की ओर से ED को भेजे पत्र में कहा गया था, ‘हमें तैयार होने के लिए कम से कम 10 दिनों की जरूरत है, क्योंकि जिस मामले में आप पूछताछ करना चाहते हैं, वह 20 साल पुराना है। ऐसे में जानकारी और दस्तावेज जुटाने के लिए उन्हें समय की जरूरत है।’
सोमवार शाम हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए हैं मलिक
इस बीच 25 फरवरी को पेट में दर्द की शिकायत के बाद मुंबई के जे.जे हॉस्पिटल में एडमिट हुए नवाब मलिक रविवार शाम को डिस्चार्ज हो गए। इसके बाद उन्हें मुंबई के बेलार्ड स्टेट स्थित ईडी (ED) ऑफिस में वापस लाया गया। वे यहां तीन मार्च तक ED की कस्टडी में हैं। उन पर दाऊद इब्राहिम के परिवार और मुंबई बम ब्लास्ट से संबंधित लोगों से जमीन खरीदने का आरोप है।